बक्सर /BIHAR

बक्सर में जिउतिया पर्व के अवसर पर हजारों महिलाओं ने अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए निर्जला व्रत रखा। इस अवसर पर गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में महिलाएं स्नान करने के लिए उमड़ीं, जिससे पूरे शहर में चहल-पहल बढ़ गई। हालांकि, भीड़ के कारण शहर के कई हिस्सों में दिन भर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रही, जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब

बक्सर के प्रसिद्ध गंगा घाटों पर जिउतिया पर्व के अवसर पर महिलाओं का सैलाब उमड़ा। महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और गंगा में स्नान कर पूजा-अर्चना करती हैं। इस पर्व की धार्मिक मान्यता है कि जिउतिया व्रत से संतान की आयु लंबी होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

सुबह से ही महिलाएं पारंपरिक परिधान में सज-धजकर गंगा घाटों की ओर जाती दिखीं। पूजा के बाद महिलाओं ने व्रत की शुरुआत की, जो अगले दिन पारण के साथ समाप्त होगा। घाटों पर पूजा सामग्री बेचने वालों की भी खूब भीड़ रही, जिससे बाजारों में भी रौनक बनी रही।

ट्रैफिक जाम से दिन भर परेशानी

जिउतिया पर्व के दौरान गंगा घाटों पर भारी भीड़ के चलते शहर के कई प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। खासकर घाटों की ओर जाने वाले रास्तों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। प्रशासन ने यातायात व्यवस्था संभालने के लिए कई कदम उठाए, लेकिन भीड़ की अत्यधिक संख्या के कारण व्यवस्थाएं पूरी तरह से कारगर साबित नहीं हो सकीं।

ट्रैफिक जाम के कारण स्कूली बच्चों, दफ्तर जाने वालों और अन्य आम नागरिकों को दिन भर कठिनाई का सामना करना पड़ा। कई लोग घंटों जाम में फंसे रहे, जिससे उनकी दिनचर्या प्रभावित हुई।

प्रशासन के प्रयास

बक्सर प्रशासन ने इस मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने और ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की थी। गंगा घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इसके अलावा, घाटों पर सफाई और मेडिकल सुविधाओं का भी प्रबंध किया गया था।

हालांकि, भीड़ की अत्यधिक संख्या के कारण ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित रही। प्रशासन ने अगले साल इस पर्व के दौरान यातायात प्रबंधन के लिए और बेहतर योजनाएं बनाने का आश्वासन दिया है।

संतान की लंबी उम्र के लिए माताओं का समर्पण

जिउतिया पर्व बक्सर और आसपास के इलाकों में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। इस पर्व में माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन के लिए उपवास रखती हैं। बिना पानी पिए और बिना अन्न ग्रहण किए, यह उपवास माताओं के त्याग और समर्पण का प्रतीक है। गंगा में स्नान कर भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है और उनसे संतान की रक्षा की प्रार्थना की जाती है।

जिउतिया पर्व ने बक्सर में धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व को फिर से उजागर किया है। महिलाओं का यह त्याग और समर्पण संतान के प्रति उनके अटूट प्रेम का प्रतीक है। हालांकि, इस दौरान ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं सामने आईं, जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद पूरे शहर में उत्साह और श्रद्धा का माहौल देखने को मिला।

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