मुंगेर/स्थानीय संवादाता
मुंगेर में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को लेकर डीएम अवनीश कुमार सिंह और आईसीडीएस डीपीओ रेखा कुमारी के बीच शनिवार को बड़ा विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि डीपीओ रेखा कुमारी की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा।
क्या है मामला?
जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह शनिवार को आईसीडीएस कार्यालय पहुंचे थे। वहां उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना से संबंधित पत्र पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया। डीपीओ रेखा कुमारी ने स्वास्थ्य कारणों और अन्य समस्याओं का हवाला देते हुए तत्काल हस्ताक्षर करने में असमर्थता जताई। डीपीओ का आरोप है कि उनकी बात सुनने के बजाय डीएम साहब ने उन पर दबाव बनाया और अभद्र व्यवहार किया।
रेखा कुमारी ने कहा, “मेरी तबीयत ठीक नहीं थी। बार-बार उल्टी हो रही थी और तेज सिर दर्द भी था। मैंने डीएम साहब से इस बात को समझने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने मुझे अपमानित किया। इसके बाद मेरी हालत बिगड़ गई और मुझे अस्पताल ले जाना पड़ा।”
डीएम का पक्ष
जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने डीपीओ के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि आईसीडीएस विभाग की योजनाओं में देरी और शिथिलता की शिकायतें पहले से आ रही थीं। “मैंने केवल उन्हें योजनाओं में तेजी लाने के लिए कहा था। यदि किसी को स्वास्थ्य समस्या थी, तो यह बात पहले ही बताई जा सकती थी,” डीएम ने कहा।
स्थिति गंभीर होने पर रेफर
इलाज के दौरान डीपीओ रेखा कुमारी की हालत बिगड़ने पर उन्हें सदर अस्पताल से हायर सेंटर रेफर किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, डीपीओ मानसिक तनाव में थीं।
जांच के आदेश
इस घटना को लेकर जिले में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। संबंधित विभाग इस प्रकरण की रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
प्रशासनिक सवालों के घेरे में डीएम
इस विवाद के बाद डीएम अवनीश कुमार सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। क्या यह प्रशासनिक दबाव था या कार्य में कोताही पर सख्ती? इस सवाल का जवाब जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आ पाएगा।
स्थिति पर नजर:
इस प्रकरण ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच भय और असंतोष का माहौल बना दिया है। अब सबकी निगाहें प्रशासन की अगली
कार्रवाई पर टिकी हैं।