
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनमोल पर्यटन स्थल बैसरन घाटी (मिनी स्विट्जरलैंड) में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या की राष्ट्रीय मानव अधिकार न्याय आयोग (NHRJC) ने तीव्र शब्दों में निंदा की है। इस हमले में 26 से 28 निर्दोष लोगों की जान गई, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मारे गए लोगों में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी मनीष रंजन, और वायुसेना के कॉर्पोरल टेज हैलियांग जैसे देश के वीर जवान भी शामिल हैं।
हमला उस समय हुआ जब दोपहर करीब 2:30 बजे आतंकियों ने सेना की वर्दी में आकर पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इस बर्बर हमले में कई घोड़े भी घायल हो गए जो पर्यटकों की सवारी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे।
इस अमानवीय घटना की निंदा करते हुए NHRJC के छत्तीसगढ़ राज्य के अध्यक्ष डॉ. एस. मधुप, छत्तीसगढ़ राज्य के उपाध्यक्ष सूरज देव कुशवाहा,बिहार प्रदेश अध्यक्ष चंद्र मोहन सिंह, और उड़ीसा प्रदेश अध्यक्ष प्रभाकर मोहंती ने संयुक्त रूप से प्रेस बयान जारी किया। उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह से अपील की कि इस हमले में शामिल सभी आतंकियों को तुरंत गिरफ्तार कर फांसी की सजा दी जाए। साथ ही, घायलों को तत्काल और प्रभावी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए एवं मृतकों के परिजनों को न्याय और समुचित मुआवजा दिया जाए।
संयुक्त बयान में कहा गया कि NHRJC इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। आयोग ने मांग की कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ कठोरतम कदम उठाए ताकि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा ना हों। आतंकियों को ऐसा माकूल जवाब दिया जाए कि भविष्य में कोई इस तरह की जुर्रत न कर सके।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि देश और विदेश के नागरिकों को भारत के किसी भी कोने में निर्भय होकर और स्वतंत्रता से यात्रा करने का अधिकार है, जिसे सुरक्षित रखना सरकार की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए।