मुंबई, मई 2025 – भारत के सबसे प्रतिष्ठित और विश्वसनीय सिनेमाई मंचों में से एक दादा साहब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (DPIFF) ने हाल ही में संगठन पर लगे बेबुनियाद और झूठे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इस बयान में फिल्म महोत्सव के CEO श्री अभिषेक मिश्रा और प्रबंध निदेशक श्री अनिल मिश्रा ने स्पष्ट किया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा संगठन की छवि को धूमिल करने और कार्यक्रम को बाधित करने का प्रयास किया गया।

बयान में कहा गया कि जब महोत्सव की टीम आगामी वार्षिक समारोह की तैयारी कर रही थी—जो 20 फरवरी 2025 को मुंबई के ताज लैंड्स एंड में आयोजित होने वाला था—तभी कुछ लोगों ने आयोजन में अवैध पैसे की मांग की। जब संगठन ने इन मांगों को मानने से इनकार किया, तो इन तत्वों ने अफवाहें फैलाकर संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।

DPIFF के CEO श्री अभिषेक मिश्रा ने कहा, “हम सभी झूठे आरोपों की कड़ी निंदा करते हैं। हमारी टीम पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ काम करती रही है और आगे भी करती रहेगी। यह संस्था भारतीय सिनेमा की महान परंपरा और दादा साहब फाल्के की विरासत की सच्ची वाहक है।”

इन घटनाओं के बाद आयोजन समिति ने सुरक्षा कारणों से समारोह को स्थगित करने का निर्णय लिया और संबंधित अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया गया। बांद्रा पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर औपचारिक शिकायत दर्ज कर जांच प्रक्रिया भी शुरू की गई।

DPIFF ने सिनेमा जगत में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और कलाकारों को उचित सम्मान दिलाने के अपने संकल्प को दोहराया है। संस्था का यह स्पष्ट मानना है कि सच्चाई की जीत हमेशा होती है और वह अपने मूल्यों और उद्देश्यों से कभी समझौता नहीं करेगी।

DPIFF की टीम ने भरोसा दिलाया है कि वह आगामी समय में और अधिक मजबूती से लौटेगी, और भारतीय सिनेमा के हर उस कलाकार को मंच देगी जो अपनी कला से देश और दुनिया के दिलों पर राज करता है।

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