रोहतास जिले की धरती ने बिहार की राजनीति को कई बड़े-बड़े नेता दिए। लेकिन अफसोस इस बात का रहा कि चुनाव जीतकर सत्ता के शिखर तक पहुँचने वाले इन नेताओं ने अपने जिले को उसका हक़ नहीं दिलाया। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से रोहतास आज भी वंचित रहा। वर्षों से मेडिकल कॉलेज की मांग होती रही, लेकिन यह सपना अधूरा ही रहा।
इसी अधूरे सपने को साकार करने का जिम्मा उठाया नोखा विधानसभा क्षेत्र के युवा इंजीनियर विशाल कुमार कुशवाहा ने। उन्होंने अपने साथियों के साथ लगातार आंदोलन किया। कई बार जेल गए, पुलिस की लाठियाँ खाईं, प्रशासनिक प्रताड़ना झेली, लेकिन कदम पीछे नहीं खींचे। उनका एक ही लक्ष्य था – “रोहतास को मेडिकल कॉलेज मिलना चाहिए।”
आख़िरकार उनके संघर्ष और जनता के समर्थन ने रंग दिखाया। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झंडोत्तोलन कार्यक्रम में घोषणा की कि रोहतास को सरकारी मेडिकल कॉलेज की सौगात दी जा रही है। इस ऐतिहासिक क्षण ने पूरे जिले को गर्व और खुशी से भर दिया।
इस मौके पर इंजीनियर विशाल कुमार कुशवाहा ने कहा –“यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि पूरे रोहतास जिले की जनता की जीत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने हमारी आवाज़ को सुना और जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात दी, इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूँ। लेकिन संघर्ष यहीं खत्म नहीं होता। अब रोहतास को एक सरकारी विश्वविद्यालय और पर्यटन विकास की आवश्यकता है।”
उन्होंने साफ कहा कि केवल एक मेडिकल कॉलेज से जिले की तस्वीर नहीं बदलेगी। जिले के लाखों छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है। अगर रोहतास में सरकारी विश्वविद्यालय की स्थापना हो, तो शिक्षा का स्तर नई ऊँचाई छू सकेगा।
इसके अलावा उन्होंने जिले के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा –“तुतला भवानी, मंजर कुंड, करमचंद डैम और गुप्ता धाम जैसे पवित्र व प्राकृतिक स्थल रोहतास की धरोहर हैं। इन्हें पर्यटन स्थल घोषित कर विकसित किया जाना चाहिए। इससे न सिर्फ जिले की पहचान बढ़ेगी, बल्कि रोजगार और अर्थव्यवस्था में भी नई ऊर्जा आएगी।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति इस मेडिकल कॉलेज के श्रेय का सबसे बड़ा हक़दार है, तो वे हैं नोखा विधानसभा के इंजीनियर विशाल कुमार कुशवाहा और उनकी संघर्षशील टीम।
रोहतास की रेत और बालू से वर्षों से पूरे बिहार का विकास होता रहा है, लेकिन खुद रोहतास उपेक्षा का शिकार रहा। अब जब मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली है, तो यह जिले के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। और इस उपलब्धि के पीछे खड़ा है एक ऐसा युवा चेहरा, जिसने निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर जनता की लड़ाई लड़ी।
आज जब मेडिकल कॉलेज की नींव रखी जा चुकी है, तो जिले की जनता की नज़रें अब विश्वविद्यालय और पर्यटन विकास की ओर टिक गई हैं। संघर्ष जारी है, उम्मीदें बाकी हैं, और इस संघर्ष की अगुवाई कर रहे हैं – नोखा विधानसभा के लाल, इंजीनियर विशाल कुमार कुशवाहा।