बता दें की जिला अस्पताल के चर्चित और लोकप्रिय डॉ एस मधुप के द्वारा धमतरी के लोगों के बीच प्रेस रिलीज के माध्यम से जानकारियां दी गई और जनता से अपील करते हुए सारी घटना की सच्चाइयां भी बताइए गई है। वही डॉ मधुप ने कहां की जनता और बुद्धजीवी लोगो को बताना जरूरी समझता हूं की कुछ लोग है,जो मेरा नाम और छवि को समाज के बीच में धूमिल करने के नियत से इस तरह का बेबुनियाद शिकायत करते है। जो एक दम झूठा और निराधार हैं। और साथ में हॉस्पिटल में आकर जिला अस्पताल के डॉक्टरों पर अपना रोवाब दिखाना और धमकी भी देते है।की यहां से भागा देंगे। इस तरह के दहशत और डर के माहौल में कोई भी डॉक्टर रोगी का इलाज सही ढंग से नहीं कर पता है। वही जिस समय की घटना की बातें बताई जा रही हैं उसे समय जिला अस्पताल का ओपीडी उस समय बंद था मेरी ड्यूटी समाप्त हो गया था, लेकिन मैं अपने चैंबर में बैठकर पीएम report बना रहा था, उसी समय एक आदमी आया समय लगभग 1.45 pm संभावना है आकर बोला की मुझे आप से दिखाना है। मै बोला अभी ओपीडी बंद है अभी आप को सरकारी मेडिसीन नही मिलेगा और कल आ कर दिखा लीजिएगा वह व्यक्ति नही मानते हैं उनका नाम पुस्पेंद्र पटेल है वही इलाज कराने आया व्यक्ति बोला कि मैं बाहर से दवा लिख दे तो मैंने कहां की मैं सरकारी पर्ची या प्राइवेट पर्ची में भी बाहर से दवा नही लिखता हूं तो वो जिद करने लगा और मुझ से बहस करने लगा की क्यू नही लिखो गै, मैंने कहा नहीं लिखता हूं।अगर लेना है तो अभी खुजली का क्रीम ले लो।बाहर से। क्यू कि ओपीडी बंद होने पर कोई भी डॉक्टर का फर्ज बनता है कि उसे अच्छी सलाह दु अभि आप एक दो दावा बाहर से ले सकते हो तो ले लिजिए ,ये समान्य बाते है। हमलोग भी जरुरत पड़ने पर बाहर से ही दावा लेते हैं।जो सभी लोग समझते हैं। इसी से इनकी मंशा पूर्ण रूप से समझ में आ रही की क्या है? फिर भी मैं बोलते रहा , की अगर मिलता है अगल बगल में ले ले क्रीम लगाने में या दावा समझने में मदद हो तो बात करा देना।लेकिन ओ रोगी दिखाने नही आया थे और उनके द्वारा मेरा वीडियो रिकॉर्डिंग किया जाने लगा। जो वीडियो दिखाया गया है ओ अधूरा और कट कर के दिखाया गया है ताकि समाज और जनता को सचाई पता ना चले,इस तरह के हरकत से क्या कोई डॉक्टर अपना कर्तव्य का पालन कर पायेगा क्यू कि डॉक्टर और रोगी का रिश्ता विश्वाश और भरोसा का होता है। इस तरह का माहौल उत्पन करना एक अच्छे इंसान और अच्छे समाज के लिए अच्छी बात नहीं है।सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट का टिपण्णी भी है की कोई भी डॉक्टर डर कर अच्छे से रोगी का इलाज नही कर पायेगा। और शाशकिय अस्पताल में उच्च आधिकारी के आदेश लिए बिना पीओडी और ओटी में फोटो खींचना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।इस लिए मैं डॉ एस मधुप धमतरी जिला के सभी महीला पुरुष युवा पीढ़ी और बुद्धिजीवी जनता से अपील करता हूं की इस तरह के कार्य करने वाले लोगो को चिन्हित कर सामाजिक बहिष्कार करे और एक अच्छा समाज माहौल बनाने का काम करे।ताकि समाज में सभी लोग एक दूसरे को जरूरत परने पर मदद करे और डॉक्टर भी अपने कर्तव्य का पालन सच्चे और लगन से अच्छे से रोगी का इलाज कर सके।और एक दूसरे पर विश्वास का रिश्ता कायम हो सके।इसका बानगी प्राकृतिक ने दिखा दिया है कोविड 19 के रूप में ,उस समय पूरे विश्व में एक डॉक्टर ही था जो अपने जान पर खेलकर लोगो की जान बच्चा रहा था।और रोगी के साथ हर परिस्थिति में डटकर मुकाबला कर रहा था। उस समय अपने परिवार के लोग भी जान के डर से अपने रोगि को छोड़ कर भाग जा रहे थे। एक डॉक्टर ही था जो अपने स्टाफ के साथ अपना कर्तव्य ईमानदारी से कर रहा था। डॉक्टर अपने परिवार को छोड़कर अपने रोगी को देख भाल कर रहा था। इसलिए डॉक्टरों को बदनाम करनी और गलत तरीके से फसाने की कोशिश नाहीं की जाए तो बेहतर होगी।