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वाराणसी में सासाराम, रोहतास (बिहार) की बेटी स्नेहा कुशवाहा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत और उसके बाद प्रशासन द्वारा परिवार को शव न सौंपकर दाह संस्कार कर दिए जाने की घटना पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव ऑफिसर ग्रुप के चीफ कन्वेनर डॉ. एस. मधुप, SBI के अरुण कुमार और नेशनल ह्यूमन राइट्स जस्टिस कमीशन (NHRJC), के प्रेसिडेंट चंद्र मोहन प्रसाद सिंह ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

 

इन संगठनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वाराणसी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने और अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।

 

पीड़िता के माता-पिता दर-दर भटकने को मजबूर

 

संयुक्त बयान में कहा गया कि स्नेहा के माता-पिता न्याय की आस में दर-दर भटक रहे हैं। उनकी बेटी की आत्मा भी न्याय के लिए तड़प रही है। जिस तरह से प्रशासन ने शव को परिवार को सौंपे बिना दाह संस्कार करवा दिया, वह हाथरस कांड की पुनरावृत्ति प्रतीत होता है।

 

डबल इंजन सरकार से न्याय की उम्मीद

 

ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव ऑफिसर ग्रुप और NHRJC ने कहा कि यह घटना वाराणसी में घटी है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। अपराधियों के बेखौफ घूमने से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। संगठनों ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस घटना का संज्ञान लेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाकर सुशासन स्थापित करेंगे।

 

गृह मंत्री से उच्च स्तरीय जांच की मांग

 

इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। बयान में यह भी कहा गया कि अगर जल्द न्याय नहीं मिला तो देशभर में आंदोलन छेड़ा जाएगा और स्नेहा के लिए इंसाफ की लड़ाई को हर स्तर तक लड़ा जाएगा।

 

सरकार से अपील है कि जल्द से जल्द न्यायिक जांच कर दोषियों को सजा दिलाई जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके और जनता का कानून व्यवस्था पर विश्वास बना रहे।

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