बिलासपुर। आज दिनांक 31 अगस्त, रविवार को होटल आनंदा इंपिरियल में अखिल भारतीय चर्म रोग विशेषज्ञ संगठन (IADVL) की छत्तीसगढ़ राज्य इकाई के तत्वावधान में एक भव्य एवं आकर्षक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य देशभर के चर्म रोग विशेषज्ञों को एक साझा मंच पर लाकर त्वचा रोगों के क्षेत्र में हो रहे नवीन शोध, तकनीकी प्रगति और अनुभवों का आदान-प्रदान करना रहा। कार्यक्रम की जानकारी डॉ. एस. मधुप (त्वचा एवं सौंदर्य विशेषज्ञ) ने दी।

देशभर से पहुंचे प्रख्यात त्वचा विशेषज्ञ

इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न हिस्सों से चर्म रोग के विख्यात डॉक्टर शामिल हुए। उन्होंने न केवल अपने शोध पत्र पढ़े बल्कि नवीनतम उपचार पद्धतियों और नई तकनीकों पर विस्तार से विचार-विमर्श भी किया।

नई दिल्ली की प्रख्यात चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. नीति ने चेहरे पर होने वाले मुंहासों के आधुनिक और प्रभावी उपचारों पर प्रकाश डाला।

डॉ. रश्मि सरकार (दिल्ली) ने ग्लूटेथिओन नामक विशेष मॉलिक्यूल और उसके चिकित्सकीय उपयोगों पर अपने शोध पत्र को प्रस्तुत किया।

डॉ. प्रिया ने नाखूनों की सर्जरी विषय पर अपने अनुभव साझा किए।

डॉ. पंकज ने सफेद दाग (विटिलिगो) के इलाज और नई थैरेपी पर जानकारी दी।

डॉ. नील प्रभा ने धूप से होने वाली बीमारियों के निवारण और बचाव के उपाय बताए।

डॉ. आदर्शलता ने ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज में प्रयोग की जा रही नई थेरेपी पर अपनी प्रस्तुति दी।

डॉ. सुकृति अरोरा ने मुंहासों से चेहरे पर पड़ने वाले निशानों के निदान पर विशेष चर्चा की।

डॉ. अमरेंद्र पांडे ने गैर पंजीकृत एवं अयोग्य चिकित्सकों से रोगियों को सतर्क करने संबंधी अपना पेपर प्रस्तुत किया।

डॉ. गरिमा बाल पांडे ने नेल कॉस्मेटिक से उत्पन्न होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं पर प्रकाश डाला।

डॉ. कृष्ण देव बरमन ने चर्म रोग क्लीनिक की शुरुआत करने और शुरुआती स्तर पर किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस विषय में नए डॉक्टरों को मार्गदर्शन दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत और समापन

संगोष्ठी की शुरुआत संगठन के छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष और बिलासपुर के जाने-माने चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय पांडे के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने युवा डॉक्टरों से अपने कार्य में पूर्ण समर्पण और निष्ठा से जुड़े रहने का आह्वान किया।

कार्यक्रम का समापन संगठन के सचिव डॉ. डेनियल हेनरी के उद्बोधन से हुआ। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठियों का आयोजन बार-बार होना चाहिए ताकि चर्म रोग विशेषज्ञ नई तकनीकों और शोध से लगातार अपडेट होते रहें। इससे मरीजों को और अधिक सटीक, प्रभावी और सुरक्षित इलाज उपलब्ध हो सकेगा।

सेमिनार की शोभा बढ़ाने वाले विशेषज्ञ

इस अवसर पर देशभर से आए कई प्रख्यात डॉक्टरों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इनमें प्रमुख नाम रहे —
डॉ. आलोक सुलतानिया, डॉ. डेविड हेनरी, डॉ. डैनिस हेनरी, डॉ. डेनियल हेनरी, डॉ. आदिति दुबे, डॉ. शांतनु मिश्रा, डॉ. अजय अग्रवाल, डॉ. दीपक सरकार, डॉ. कल्पना लूथरा, डॉ. अतुल मोहनकर, डॉ. जेपी स्वाइन, डॉ. प्रियंका मेघानी, डॉ. निश्चल श्रीवास्तव, डॉ. प्रज्ञा गुरु दीवान, डॉ. मंजीत गुप्ता, डॉ. एस. मधुप, डॉ. मोहन गुप्ता, डॉ. भाव स्वर्णकार, डॉ. शालिनी कुमारी, डॉ. संतोष अग्रवाल, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. लकड़ा, डॉ. भारत सिंघानिया, डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. कर्तव्य कावड़िया तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति।

संगोष्ठी का उद्देश्य

इस सेमिनार का प्रमुख उद्देश्य चर्म रोग विशेषज्ञों को नई तकनीक, विधियां और शोध से अद्यतन करना रहा। आयोजकों का मानना है कि लगातार संवाद और ज्ञान-विनिमय से डॉक्टर मरीजों को और भी उच्चस्तरीय उपचार सुविधा उपलब्ध करा सकेंगे।

डॉ. एस. मधुप ने कहा कि IADVL का यह प्रयास चिकित्सकों के बीच आपसी सहयोग और समन्वय को और मजबूत करता है। वहीं डॉ. डेनियल हेनरी ने इसे डॉक्टरों के लिए एक ऐसा मंच बताया, जहां वे आपस में सीख सकते हैं और नित नई खोजों को व्यवहार में ला सकते हैं।

समापन

होटल आनंदा इंपिरियल में आयोजित इस भव्य संगोष्ठी ने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के चर्म रोग विशेषज्ञों को एकजुट किया। यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि निरंतर शोध और तकनीकी प्रगति से ही चिकित्सा जगत आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर सकता है।

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