- सासाराम/संझौली
छठ महापर्व के पावन अवसर पर मधुप न्यूज़ 24 की टीम ने तेंदुआ, चौरासी, मोकरी, और कर्मा गांव में फल और चाय वितरण का आयोजन किया। इस सेवा कार्य में स्थानीय लोग और पंचायत के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में मुखिया श्री जितेंद्र सिंह उर्फ भोला सिंह और अनु कुमार की विशेष उपस्थिति रही, जिनकी मौजूदगी ने इस आयोजन में एक खास माहौल पैदा किया। मधुप न्यूज़ 24 के मुख्य संपादक श्री अंकित कुमार सिंह के नेतृत्व में यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
मधुप न्यूज़ 24 की टीम ने इस अवसर पर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए छठ व्रतियों के बीच फल वितरित किए। टीम में डॉ. एस. मधुप, एस.एन. सिन्हा, सुरजदेव कुशवाहा, चंद्रमोहन प्रसाद सिंह और डॉ. मनोज कुमार सिंह अरुण कुमार,कुमार धर्मवीर,जैसे अनुभवी और सामाजिक भावना से प्रेरित सदस्य शामिल थे। इन सभी ने छठ महापर्व के अवसर पर ग्रामीण समुदाय के प्रति समर्पण और सेवा भावना के साथ योगदान दिया।
छठ महापर्व की महिमा और महत्व को देखते हुए मधुप न्यूज़ 24 ने इस आयोजन को विशेष रूप से व्रतियों के लिए समर्पित किया। छठ व्रतियों ने श्रद्धा और समर्पण के साथ सूर्य भगवान की आराधना करते हुए छठ का अनुष्ठान किया, और ऐसे में मधुप न्यूज़ 24 का फल और चाय वितरण का यह प्रयास उनकी श्रद्धा और भक्ति में एक छोटा सा सहयोग रहा।
अंकित कुमार सिंह ने इस अवसर पर छठ व्रतियों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें छठ महापर्व के पवित्र संदेश को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “छठ महापर्व एकता, संयम और भक्ति का पर्व है। यह हमें समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी का बोध कराता है और दूसरों की सेवा के महत्व को समझाता है। छठ पूजा हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करती है, और हम सबको अपने जीवन में इसी तरह समाज और पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने का प्रयास करना चाहिए।”
इस आयोजन के दौरान व्रतियों के चेहरे पर संतोष और प्रसन्नता साफ दिखाई दे रही थी। मधुप न्यूज़ 24 की टीम ने अपने इस कदम से यह संदेश देने का प्रयास किया कि पर्व और त्यौहार सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि सेवा और सहयोग का भी अवसर होते हैं। इस सेवा कार्य में मधुप न्यूज़ 24 की टीम ने न केवल सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया, बल्कि ग्रामीण समुदाय को इस महापर्व के महत्व से अवगत भी कराया।
मधुप न्यूज़ 24 के इस आयोजन को क्षेत्रीय समुदाय ने अत्यंत सराहा। वहां के स्थानीय लोगों ने इस पहल को सकारात्मक रूप में लिया और उम्मीद जताई कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे।