अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर डॉ. एस. मधुप का संदेश: मानवाधिकार जागरूकता को बनाएं प्राथमिकता

धमतरी जिला अस्पताल के वरिष्ठ त्वचा एवं सौंदर्य विशेषज्ञ और राष्ट्रीय मानवाधिकार न्याय आयोग छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. एस. मधुप ने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि “मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर 1948 से पूरे विश्व में समानता, स्वतंत्रता और सम्मान के मूल अधिकारों के प्रतीक के रूप में मनाया जा रहा है।”

 

डॉ. मधुप ने मानवाधिकारों को मानव जीवन का आधार बताते हुए कहा कि जन्म से लेकर मरण तक प्रत्येक व्यक्ति को पढ़ाई, नौकरी और बिना किसी भेदभाव के साथ रहने जैसे अधिकार मिले हैं। इन अधिकारों की रक्षा करना और इनके प्रति जागरूक रहना हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने जोर देकर कहा, “मानवाधिकारों के प्रति जागरूक करना ही मानवाधिकार का मूल मंत्र है।”

 

उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित न रह पाए। इसके लिए नागरिकों को स्वयं जागरूक होने के साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में ऐसी कई संस्थाएं कार्यरत हैं, जो मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं।

 

डॉ. मधुप ने कहा कि यदि किसी को जरूरत हो, तो वे इस दिशा में मदद के लिए संस्थाओं से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहें और समाज में समानता और सम्मान के लिए योगदान दें।

 

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के इस अवसर पर उनका संदेश सभी को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और कर्तव्यनिष्ठ बनने की प्रेरणा देता है।

 

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