मोहिनी कन्या मध्य विद्यालय गया में “कला ज्योति संस्कारशाला” का  ग्रीष्म कालीन नाट्य प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ

 मोहिनी कन्या मध्य विद्यालय गया में “कला ज्योति संस्कारशाला” का ग्रीष्म नाट्य प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ

ग्रीष्म नाट्य प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ ।जिसमें बिहार सरकार के उपनिदेशक संग्रहालय कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार पटना डॉ विनय कुमार के कर कमल से दीप प्रजनन कर हुआ। इस अवसर पर रामचंद्र सिंह बनमली बाबा कन्या उच्च विद्यालय के रवि रंजन सर मध्य विद्यालय भारत सेवा श्रम संघ के राजेश कुमार जी विराजमोहिनी कन्या मध्य विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अरुण कुमार के अलावा जाने-माने रंगकर्मी शम्भू सुमन जी उपस्थित हुए। यह नाट्य प्रशिक्षण शिविर नाट्य शास्त्री भरत मुनि जी की रचना नाट्यशास्त्र पर आधारित है।जिसमें नृत्य, संगीत, मूर्तिकला, चित्रकला, संगीत कला , क्राफ्ट कला का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण पूरे वर्ष प्रति रविवार सुबह 7 से 10 संचालित होगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर विनय कुमार जी ने बताया की बिहार में कला मर्मज्ञ की भारी जरूरत है। वैशाली में बना रहे संग्रहालय में राज्य के लगभग सभी कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। और खोजबीन की जा रही है ताकि उनको रोजगार से जोड़ा जाए, और उनके हुनर का इस्तेमाल बिहार के कला कौशल को बढ़ाने में किया जाए ।उन्होंने यह भी बताया कि आज के बच्चे जो प्रशिक्षण ले रहे हैं कल भावी भविष्य हैं, और बिहार के विरासत को बचाने के लिए इनका महत्वपूर्ण योगदान होगा। समय-समय पर इन बच्चों का कार्यक्रम Shambhu जी के माध्यम से होता रहेगा और देश के लिए राज्य के लिए इन बच्चों का योगदान महत्वपूर्ण होगा। बच्चों के प्रशिक्षण शिविर के लिए गया संग्रहालय गया में शीघ्र ही एक्टिविटीज एरिया डेवलप किया जा रहा है जिसमें इन बच्चों का प्रशिक्षण और कार्यक्रम कराया जाएगा। इस अवसर विराज मोहिनी कन्या मध्य विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अरुण कुमार जी ने विनय जी की उपस्थिति को एक इतिहास बताया और उनका स्वागत करते हुए बताया कि विनय जी जैसे महान अधिकारी इन बच्चों के उत्साह वर्धन के लिए इस आयोजन में आए स्वागत योग्य कार्य है ।और भविष्य में भी उनकी उपस्थिति हो ताकि बच्चों का मनोबल इसी तरह बढ़ता रहे और समय-समय पर इन आयोजन से जोड़ा जाए ताकि बच्चे खेल खेल में कला कौशल ज्ञान का संवर्धन कर सके ,साथी शम्भू जी का उन्होंने भूरी भूरी प्रशंसा की , कि इनके चलते एक ब्रिजिंग का काम हो रहा है, और हमारा विद्यालय कला संस्कृति के क्षेत्र में अभी सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार संग्रह संग्रहालय गया में हुए 18 से 24 के आयोजनों में सफलतापूर्वक ग्रहण किया। इसके लिए शंभू जी को बहुत-बहुत धन्यवाद। इस अवसर पर प्रियांशु कुमार, सुधांशु कुमार, प्रिंस कुमार, अंशु कुमार ,मुस्कान कुमारी रावत ,रश्मि रावत, खुशी कुमारी, सुप्रिया कुमारी, नंदनी कुमारी, सिमरन कुमारी, कोमल, नंदिनी, पायल कुमारी, खुशी ,श्रुति, हरीश, मेघा, मुन्नी ,लक्ष्मी, श्रेया ,अलीशा ,अनामिका, अदिति ,शिल्पा कुमारी, दीपिका कुमारी, सुधा कुमारी ,सुधांशु, संभावना कुमारी पाठक, कसक कुमारी आदि बच्चों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रियांशु कुमार जो 1 साल से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं ,जिन्होंने कई पुरस्कार अर्जित किया ,ने बताया कि यह कार्यशाला हमें जीने का कला सिखाए हैं ,हमें उठने बैठने चलने का कला सिखाए है ,हमें 3D पेंटिंग का सिखाया, मंडला आर्ट सिखाया, मधुबनी, सिखाए हमें समाज में खड़ा होने का कला सिखाया, इसलिए कला ज्योति का प्रशिक्षण हमारे जीवन में एक नया बदलाव, एक नया जीवन शैली जीने का कला सिखाएहैं । मुस्कान कुमारी ने बताया कि कला ज्योति का प्रशिक्षण शिविर हमारे जीवन में एक बहुत बड़े बदलाव के रूप मेंहै ,एक साल के अंदर हम अपने जीवन को बहुत ही बदल चुके हैं ,और प्रशिक्षण से काफी निखार हुआ है, हमें पुरस्कार भी मिला है, और हम आगे भी इस तरह का प्रशिक्षण प्राप्त करते रहेंगे। रंगकर्मी शम्भू सुमन ने बताया कि यह प्रशिक्षण शिविर 2003 से अनवरत जारी है जिसमें कई बड़े आयोजन को भी इस प्रशिक्षण शिविर से बच्चे शिरकत किया और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपना नाम रौशन किया है। राज्य का नाम, देश का नाम किया है। इसलिए या प्रशिक्षण शिविर में आए बच्चे बहुत ही मेधावी और होनहार हैं उम्मीद करते हैं कि इन बच्चों में से भी आने वाले समय में बड़े से बड़े फनकार आएंगे निकलेंगे तो हम इनकी उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

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